Thursday, April 28, 2016

शरणार्थियो को मिले देश की नागरिकता -चौधरी

बाड़मेर !16वीं लोंकसभा के आठवें सत्र में गुरूवार केा लोकसभा प्रक्रिया नियम 377 के तहत  पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीडन का षिकार होकर आये हजारों हिन्दु षरणार्थी आठ साल से भारत की नागरिकता पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हंै। वे भारत में आये तो बेहतर जिंदगी की तलाष में है लेकिन यहां उनकी तकलीफों से किसी को कोई सरोकार नहीं है ऐसा लग रहा है। राजस्थान में अंतिम बार 2007 मे विस्थापितों को नागरिकता मिली थी। तब से अब तक पडौसी देष पाकिस्तान में हालात खराब ही हुए है। पाक में हिन्दुओं की हालत खराब है। इसलिए हर रविवार केा पाक से आने वाली थार एक्सप्रेस में  अपनी जान एवं आबरू केा बचाने हेतु कुछ कपडों एवं बर्तनों के साथ यात्री उतर रहे है। यह लोग अपने रिष्तेदारेां या परिचितांे के साथ राजस्थान ही आते है। कमोबेष यही स्थिति गुजरात, मध्यप्रदेष एवं छतीसगढ में भी है। राजस्थान के जोधपुर, अजमेर एवं जयपुर में यदि देखा जाये तो 5000 से ज्यादा पाक षरणार्थी है। जो गत 7-8 वर्षो से भटक रहे है।
उनके दर्द का अहसास उनके चहरों से किया जा सकता है। राजस्थान में मुख्य रूप से पाक के सिंध और अपरसिंध प्रान्त के लोग विस्थापित होकर आ रहे हैं। इनमें से 50प्रतिषत थारपारकर जिले से आये हैं जो अमरकोट, मीरपुरखास, मिठ्ठी, दीपकों, चेलार, नगरपारकर, सांगर, नवाबषाह दादु, सखर, हैदराबाद और कराची से है। इनमे मुख्य रूप से सोढा राजपुत, सिंधी लोहाणा, पुष्करणा एवं श्रीमाली ब्रहा्रम्ण, माहेष्वरी, राजपुरोहित, जाट, मेधवाल, भील, कोली, केाड, सुथार, दर्जी एवं चारण हैं। इसमें से 80-90 प्रतिषत मेरे संसदीय क्षेत्र के है और जो विभाजन के बाद रिष्तेदारों के दुर हुए है।  ये लोग लान्ग टर्म वीजा पर रह रहे है। इनके दर्द का कोई छोर नहीं है। इनको ना नोकरी मिलती है ना बैंक खाता खुलता है ना ही आवष्यक कार्य हो पा रहे है एक लाचार बैवस की जीन्दगी जी रहे है। 2007 में 13 हजार षरणार्थियों के दर्द को समझते हुए भारत सरकार ने राजस्थान के पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान करने हेतु जिला कलक्टरों केा विषेष अधिकार दिये थे। जिससे उनको सम्मान की जिन्दगी जीने का हक मिला था।  
 मुझे प्रसन्नता है कि ख्याति प्राप्त गायक अदनान सामी को महज 7 माह में भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। इसी प्रकार उक्त षरणार्थी जो 7-8साल से भटक रह है उनको भी नागरिकता प्रदान की जावे।  अतः आग्रह है कि 2004-05-06 में जिस प्रकार भारत सरकार ने पाक विस्थापितों केा भारतीय नागरिकता प्रदान करने हेतु जिला कलक्टरर्स को जो अधिकार प्रदान किये थे। वही षक्तियाॅ पुनः प्रदत कर खानाबदोष की जिन्दगी जीने वाले उन पाक विस्तापितों केा भारतीय नागरिकता प्रदान करने के निर्देष प्रदान किये जाने चाहिए।मेरा प्रधानमन्त्री एवं गृहमन्त्री महेादय से निवेदन है मानवीय आधार पर इन पाक विस्थापित शरणार्थियो  केा भारत की नागरिकता प्रदान करने की दिषा में कारगर कदम उठाने चाहिऐ।  

शिक्षा के लिए समर्पण जरुरी -जैन

बाड़मेर ! राजकीय प्राथमिक विद्यालय बनोंणि भीलो की ढाणी विद्यालय के नवनिर्मित विद्यालय भवन का  लोकार्पण बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन के मुख्य आतिथ्य ,बाड़मेर प्रधान पुष्पा बेनीवाल की अध्यक्षता ,महिला कॉंग्रेस की जिला अध्यक्ष मर्दुरेखा चौधरी,सरपंच फगुलाराम मेघवाल एवम् एडवोकेट गोपालसिंह राजपुरोहित के विशिष्ठ आतिथ्य में संम्पन् हुआ ।इस मौके विधायक जैन ने विधालय की छात्रा हेमा से भवन का फीता कटाकर उद्घाटन किया ।इस मौके पर उपस्थित छात्रो एव ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बाड़मेर विधायक जैन ने कहा की शिक्षा के लिए समपर्ण की जरूरत होती है शिक्षक और छात्र का शिक्षा के प्रति समर्पण ही अच्छी शिक्षा का माहौल तैयार करते है कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य मृदुरेखा चौधरी प्रधान पुष्पा बेनीवाल सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया ।

बेनीवाल के जिला उपाध्यक्ष बनने पर समर्थको में ख़ुशी की लहर

बाड़मेर ।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने अपनी कार्यकारणी का विस्तार करते हुए बाड़मेर जिले के बाछडाऊ ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच मानाराम बेनीवाल को जिला कार्यकारिणी में शामिल करते हुए बेनीवाल को भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है ।गौरतलब है की बेनीवाल बाछडाऊ ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच है और भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय राजनीती में कई सालो से हिस्सा ले रहे है पार्टी में उनकी सक्रियता को देखते हुए प्रदेश नेतृत्व ने मानाराम  बेनीवाल को पार्टी का जिला उपाध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है बेनीवाल के जिला उपाध्यक्ष बनने पर समर्थको में ख़ुशी की लहर छा गयी है । बेनीवाल के निजी सहायक गोसाई राम ने बताया की ग्रामीण जहाँ अपने सरपंच को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने पर खुशिया मना रहे है वही बेनीवाल के समर्थको द्वारा विभिन्न गाँव ढाणियों में समान समारोह रखकर उनका स्वागत कर रहे है ।

Wednesday, April 27, 2016

बाड़मेर-जैसलमेर हो सकते है लातुर जैसे हालात -कर्नल सोनाराम  

 बाडमेर- बजट सत्र के दूसरे चरण मे बाड़मेर जैसलमेर सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी ने पूरक प्रश्न के माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार का ध्यान बाड़मेर-जैसलमेर जिले मे अकाल से उत्पन्न स्थिती की ओर आकृष्ट किया। सांसद के निजी सचिव अशोक कुमार शर्मा ने सांसद ने बताया कि राजस्थान के कुल 33 जिलो मे से 19 जिले अकाल की चपेट मे है विशेषकर बाड़मेर-जैसलमेर पिछले 10 सालो मे 8 अकाल पड़े है तथा वृतमान मे सुखे की स्थिती है यहां पर पेयजल की स्थिती बड़ी दयनीय है राजस्थान सरकार द्वारा बाड़मेर जिले की वृहद पेयजल परियोजनओ को पूरा करने के हेतु ऋण के रूप मे चार हजार करोड़ रूपये की मांग ग्रामीण विकास मंत्रालय सेे की थी जां आवंटित किया जावे जिससे जिले की पेयजल परियोजनाओ को गती प्रदान की जा सके। अकाल की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ के तहत राजस्थान सरकार ने करिब 86 करोड़ रूपये की मांग की है जिसको तत्काल आवंटित किया जावे ताकि प्रभावित लोगो को राहत मील सके जिस पर कृषि मंत्री राधा मोहनसिंह ने सांसद को आश्वस्त किया की जल्द अकाल से निपटने के लिए केन्द्र सरकार तत्पर है तथा जल्द ही सहायता प्रदान कर राहत कार्य प्रदान कि जावेगी।  

Tuesday, April 26, 2016

खुशखबरी डेजर्ट मूवमेंट अब एंड्रॉयड एप पर उपलब्ध

बाड़मेर ! पिछले कुछ साल से शोशल मिडिया पर खबरों की दुनिया में क्रांति का काम कर रहे डेजर्ट मूवमेंट अब एंड्रॉएड एप पर भी उपलब्ध है ।डेजर्ट मूवमेंट के  महेश जोशी  ने बताया की एंड्रॉएड एप बनकर तैयार है,बहुत जल्द गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हो जाएगा अभी ये एप http://app.appsgeyser.com/Desertmovment  से डाऊनलोड किया जा सकता है ।

Wednesday, March 9, 2016

सरकारी धन की बर्बादी क्यों ?


हर योजना चढ़ जाती है जैसिंधर स्टेशन की भेंट मिलते जुलते नामो के कारण जैसिंधर गाँव की कई योजनाओ पर जैसिंधर स्टेशन का कब्जा
बाड़मेर ! सरहदी जैसिंधर स्टेशन पर पिछले सात आठ साल में काफी सारे विकास कार्य हुए है सरकारी धन से एक ढाणीनुमा गाँव को चमन बना दिया है 1000 लोगो की आबादी वाले इस गाँव में गली गली सीसी रोड रोड लाईट सरकारी अस्पताल सहित तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध है जो की एक कस्बे तक में  नहीं होती केंद्रीय विधालय को जहाँ बड़े बड़े शहर तरस रहे है वही जैसिंधर स्टेशन को ये सौगात बैठे बिठाए मिल गयी इस गाँव की विकास की काहनी के पीछे बडा किस्सा ये है की इसी गाँव से आठ किलोमीटर दूर एक दूसरा गाँव आया हुआ है उसका नाम जैसिंधर गाँव है मिलते जुलते नामो के कारण प्रशाशनिक अधिकारी कई बार धोखा खा गए और जयसिंधर गाँव की कई योजनाओ को पाले में डाल दिया इसके अलावा वर्तमान गढ़रा रोड प्रधान तेजाराम का राजनैतिंक प्रभाव एव सरकारी महकमों में जबरदस्त तिगड़म के चलते जैसिंधर गाँव की कई योजनाए एव विकास कार्य  डकार गए

भवन बना दिए उपयोग नहीं
कहते है जहां पर जिस चीज की जरूरत नहीं होती वहाँ अगर वो चीज दे दी जाए तो वो व्यर्थ होता है कुछ ऐसा ही माजरा जैसिंधर स्टेशन पर देखा जा सकता है यहां के तिगड़म बाज ने जोड़ तोड़ और कमीशनबाजी से करोडो रूपये के सरकारी भवन तो बना दिए लेकिन एक हजार की मुश्किल आबादी वाले जैसिंधर स्टेशन पर दर्जन भर सरकारी भवनो का कोई उपयोग नहीं हो रहा है और ऐसे भवनो का उपयोग करे भी कौन जिनका कोई अचित्य नहीं है इसके अलावा कई सरकारी भवनो का निर्माणकार्य अधूरा पड़ा है वावजूद इसके सारा पैसा उठा लिया गया

केंद्रीय विधालय पर असमजस
एक साल पहले जैसिंधर स्टेशन में बने  केंद्रीय विधालय का विवादों से ही नाता रहा है शुरुआत में सांसद कर्नल सोनाराम से तकरार के बाद इस विधालय के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी बाद में जैसिंधर गाँव और स्टेशन के ग्रामीणो के कड़े प्रयासों के बाद पुन काम शुरू हो पाया वो विवाद तो थम गया लेकिन इस स्कूल से जुड़ा बड़ा विवाद ये है की ये स्कूल किस गाँव के लिए स्वीकृत हुई है क्युकी कागजो में इस विधालय की स्वीकृति जैसिंधर के लिए है  केंद्रीय विधालय का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है लेकिन जैसिंधर गाँव के ग्रामीण इसके विरोध में अपने स्वर मुखर कर रहे है ग्रामीणो का कहना है की जैसिंधर स्टेशन की तुलना में गाँव की जनसख्या दुगुनी है भौगोलिक परिस्थतियों के हिसाब से जयसिंधर गाँव में केंद्रीय विधालय बनना चाहिए ग्रामीण जयसिंधर स्टेशन में केंद्रीय विधालय बनने पर न केवल हैरानी बल्कि विरोध भी कर रहे है

छात्रावास जैसिंधर गाँव में बनाने की मांग
कल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने जयसिंधर में 4 करोड़ 44 लाख का छात्रावास बनाने की घोषणा की है ये छात्रावास भी जैसिंधर स्टेशन में बनना प्रस्तावित है जबकि जैसिंधर स्टेशन में पूर्व में बने समाज कल्याण विभाग के छात्रावास का कोई उपयोग नही हो रहा है सालो से ये भवन खण्डर अवस्था में पड़ा है ऐसे में जैसिंधर गाँव के ग्रामीण इस छात्रावास को जैसिंधर गाँव में जबरदस्त मांग कर रहे है ग्रामीणो के मुताबिक जैसिंधर स्टेशन पर इस छात्रावास से केवल सरकारी धन की एक बार फिर बर्बादी होगी लेकिन इसका उपयोग नहीं होगा

Tuesday, March 1, 2016

जोधाराम को किसने बचाया ?

तीन महीने तक जाँच के नाम पर चलती गयी जोधाराम के नाम पर लीपापोथी
आरोपी ही करवाता रहा एफआईआर पर एफआईआर जाँच बदली तो जोधाराम बन गया मुख्य आरोपी
बाड़मेर ! नगर परिषद के पूर्व आयुक्त एव नगर परिषद घोटालो के मास्टर माइंड जोधाराम विश्नोई पिछले कई दिनों से भूमिगत है बाड़मेर और नागौर पुलिस सरगर्मियो से चप्पे चप्पे पर तलास कर रही है गौरतलब है मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निर्देश के बाद नगर परिषद में गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए SIT का गठन किया गया था इस SIT ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर अशोक चौहान के नेतृत्व  में नगर परिषद की जड़े खोदनी चालु की SIT की जाँच शुरू होने के साथ न केवल नगर परिषद के बदमास चहेरे उजागर हुए बल्कि पुलिस का भी वो चेहरा भी सामने आ गया था जो नगर परिषद के घोटालो के आरोपियों को न केवल बचा रहा था बल्कि मास्टर माइंड जोधाराम के इशारे पर पूरी जाँच को प्रभावित भी कर रहा था क्योंकि SIT को जिन प्रकरणों की जाँच सौपी थी वो प्रकरण कोतवाली थाने में कई महीनो से लम्बित थे और जाँच के नाम पर लीपापोथी चल रही थी बाड़मेर कोतवाली पुलिस ने मुख्य आरोपी जोधाराम को बचाने के लिए भरकस प्रयास किए थे शहर कोतवाली ने आयुक्त के इशारे पर लगातार ऐसे मामले दर्ज किए जिससे जाँच प्रभावित हो कोतवाली के पास जब तक जाँच रही तब तक आयुक्त को बेकुसर माना गया और नगर परिषद के अन्य कार्मिको को टारगेट कर मुकदमा दर्ज किया गया इस दौरान आयुक्त महोदय कोतवाली के काफी करीबी रहे लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बनी SIT ने जोधाराम को मुख्य आरोपी मान लिया नोबत यहाँ तक आ गयी की जिन आरोपो में जोधाराम को बचाया जा रहा था उन सभी प्रकरणों के मास्टर माइंड जोधाराम बन गए  और यहां तक की नगर परिषद में  कम्युटर  जलने के मामले में जोधाराम को हाईकोर्ट में  अग्रिम जमानत याचिका दायर की इसके अलावा कई अन्य मामलो में भी जोधाराम ने अग्रिम जमानत दायर की हालांकि सभी मामलो में कोर्ट ने जमानत याचिका खारीच कर दी जिसके बाद जेल जाने से बचने के लिए जोधाराम भूमिगत हो गए कोतवाली पुलिस की जांच पूरी तरह से आरोपियों को बचाने के लिए हुई ये बात SIT जाँच के बाद प्रमाणित हो चुकी है ऐसे में सवाल यही उठ रहा है की कोतवाली पुलिस ने आखिर मुख्य आरोपी जोधाराम को क्यों बचाती रही जोधाराम विश्नोई को कोतवाली पुलिस ने पहले गिरफ्तार क्यों नही किया अगर कोतवाली पुलिस पहले जोधाराम पर हाथ डालती तो आज सारी स्थिति साफ़ होती जोधाराम को भाग जाने और बाड़मेर से बच निकलने का मौका किसने दिया ?